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शुक्रियासही महापुरुषों की ना आती शर्म अच्छे मित्र सफ़र अकेले की है बनती रणभूमि उपासना ढिंढोरा पीटने में वक्त देश के सपूत चेहरों पर उदासी मकीं हर बार की तरह ही चमकते रहो सूर्य की तरह जन्मभूमि जब भी हकदार समय की चाल औरों की सेवा

Hindi द्रोपदी के चीर की तरह Quotes